| 41. | हकीकत बयां करने के लिए राम सुभग जैसे लोग काफी हैं।
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| 42. | कंठ के नीड़ से मीड़-खग को सुभग, मूर्छना-ग्राम-संयुत उडाने लगीं॥
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| 43. | हकीकत बयां करने के लिए राम सुभग जैसे लोग काफी हैं।
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| 44. | उद्गातृ। उन्नेतृ। प्रतिहर्तृ। रथगणक। पक्षिगणक। सुष्ठु। दुष्ठु। अध्वर्यु। वधू। सुभग मन्त्रे। उद्गात्रादिः।
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| 45. | साधारण रुप से ऐसा सुभग समन्वय जीवन में कहीं नहीं दिखता ।
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| 46. | साधारण रुप से ऐसा सुभग समन्वय जीवन में कहीं नहीं दिखता ।
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| 47. | राम कथा मंदाकिनी चित्रकूट चित चारु-तुलसी सुभग सनेह बन सिय रघुबीर बिहारु
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| 48. | अपर प्रदेस-देस सुभग सुघर बेस मोरे हिंद जग के निचोड़ रे बटोहिया.
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| 49. | हनुमान अर्थात सेवक और सैनिक का संयोग, भक्ति और शक्ति का सुभग संगम!
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| 50. | श्रीकृष्ण जीवन दर्शन ये छ: ऐश्वर्यों के सुभग समन्वय को प्रकट करता है ।
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