जहां किसी भी अंतरणकर्ता राज्य (वह राज्य जहां से उस
3.
हालांकि अंतरणकर्ता राज्य में द्वितीय श्रेणी के भार या मापन का
4.
को प्रेषित करने से पूर्व अंतरणकर्ता राज्य में स्थानीय निरीक्षण के
5.
● ऋण रकम बाजार मूल्य के 75% या अंतरणकर्ता बैंक में बकाया शेषराशि जो भी कम हो, से अधिक न हो।
6.
वर्तमान वाद कथित पंजीकृत बैनामा दिनांक 23-7-2004 के निरस्तीकरण के बाबत है और अंतरणकर्ता को पक्षकार न बनाये जाने पर उसके हितों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
7.
● चुकौती अवधि अंतरणकर्ता बैंक की बाकी चुकौती अवधि से अधिक न हो या संपत्ति की आयु से जोडकर योजना के तहत निर्धारित चुकौती अवधि या संपत्ति की बाकी आयु, जो भी कम हो।
8.
हालांकि अंतरणकर्ता राज् य में द्वितीय श्रेणी के भार या मापन का सत् यापन तथा मुहरांकन नहीं किया जाएगा किंतु अंतरिती राज् य में इसके पुन: संयोजन तथा संस् थापना के पश् चात स् थानीय निरीक्षक द्वारा इसका सत् यापन तथा मुहरांकन किया जाएगा।
9.
प्रत् येक भार या मापन के सत् यापन तथा मुहरांकन के लिए शुल् क निम् न प्रकार उद्ग्रहीत किया जाएगा (i) प्रथम श्रेणी के भार या मापन पर शुल् क का उद्ग्रहण तथा संग्रहण अंतरणकर्ता राज् य द्वारा किया जाएगा ; तथा (ii) द्वितीय श्रेणी के लिए शुल् क का उद्ग्रहण तथा संग्रहण अंतरिती राज् य द्वारा किया जाएगा।
10.
जब लाभार्थी स्वामी (बीओ) उसके खाते में रखी गई सारी प्रतिभूतियां उसी डीपी की दूसरी शाखा में या उसी डिपॉजिटरी के दूसरे डीपी में या दूसरी डिपॉजिटरी में अंतरित करता है तब खाता बंद करने के बाद, कोई प्रभार नहीं लगाए जाए, बशर्ते बीओ के अंतरणकर्ता डीपी और नये प्राप्तकर्ता डीपी के खाता / खाते एक जैसे हों यानी सभी तरह से समरूप हों.