| 1. | लक्ष्मी का अंतराय चोरी से है।
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| 2. | उसकी इस साधना में अनेक अंतराय (विघ्न) होते हैं।
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| 3. | उसमें अंतराय बनकर एक दानव, शूकर रूप में आकर आक्रमण करता है।
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| 4. | एक दिन का व्रत भी हमारा अंतराय कर्म नाश कर सकता है।
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| 5. | उसमें अंतराय बनकर एक दानव, शूकर रूप में आकर आक्रमण करता है।
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| 6. | किंतु अंतराय कर्मों की प्रबलता होने पर धन-लक्ष्मी ही श्रेष्ठ लगती है।
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| 7. | हर प्राणी के दुख, विघ्न, संकट में कारण अंतराय कर्म है।
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| 8. | हर प्राणी के दुख, विघ्न, संकट में कारण अंतराय कर्म है।
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| 9. | एक संत को भी अरहंत बनने के पूर्व अंतराय कर्म का नाश [...]
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| 10. | ये चित्त के विक्षेप, योग के मल, अंतराय या प्रतिपक्षी कहे जाते हैं।
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