अंतर्नोद सक्रियता का ऐसा अभिप्रेरक है, जो अभी पूरी तरह न समझी गई, न पहचानी गई आवश्यकता का प्रतिनिधित्व करता है।
3.
जब मानव शिशु इस संसार में आता है तो उसके पास कुछ विशेष प्रतिवर्ती अनुक्रियाओं को सम्पन्न करने की क्षमता और प्राथमिक अंतर्नोद (
4.
जब मानव शिशु इस संसार में आता है तो उसके पास कुछ विशेष प्रतिवर्ती अनुक्रियाओं को सम्पन्न करने की क्षमता और प्राथमिक अंतर्नोद (drive) के अलावा कुछ नही होता.
5.
किसी निश्चित व्यक्ति के प्रति अंतर्नोद कीअभिव्यक्ति यह है कि मनुष्य को उस व्यक्ति को देखते ही, उसकी आवाज़ सुनतेही हर्ष अनुभव होता है, और वह उससे, प्रायः अनजाने ही, मिलना, बातें करनाचाहता है।