| 1. | (1) संवेदी तंत्रिका सूत्रों के ग्राहक अंतांग (
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| 2. | जब प्रकाश दृष्टिपटल पर पड़ता है तब वह किसी संवेदी तंत्रिका अंतांग (
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| 3. | (5) जिस अंग में तंत्रिका सूत्र के अंतांग स्थित हों, जैसे पेशी, लाला ग्रंथियाँ, हृदय, आंत्र, आदि।
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| 4. | (5) जिस अंग में तंत्रिका सूत्र के अंतांग स्थित हों, जैसे पेशी, लाला ग्रंथियाँ, हृदय, आंत्र, आदि।
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| 5. | डर्मिस ही में ताप (रूफीनी अंग-षुङ्ङिनि और्गन्) और शीत (क्राज अंत कंद-~ ऐन्ड् भुल्ब्ओङ् ख्रउसे) के संवेदी अंतांग भी विद्यमान होते है.
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| 6. | (1) संवेदी तंत्रिका सूत्रों के ग्राहक अंतांग (recepters or receptive nerve endings) जो त्वचा में, या अंगों के भीतर स्थित होते हैं।
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| 7. | (5) जिस अंग में तंत्रिका सूत्र के अंतांग स्थित हों, जैसे पेशी, लाला ग्रंथियाँ, हृदय, आंत्र, आदि।
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| 8. | (1) संवेदी तंत्रिका सूत्रों के ग्राहक अंतांग (recepters or receptive nerve endings) जो त्वचा में, या अंगों के भीतर स्थित होते हैं।
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