| 1. | जाने प्रवृत्ति निवृत्ति बन्धन मोक्ष कार्य अकार्य भी॥
|
| 2. | अकार्य अवटुग्रंथि 4000 में एक नवजात शिशु को होता है।
|
| 3. | जिस बुद्धि से निर्णय न कार्य अकार्य बीच यथार्थ है ||
|
| 4. | अध्यात्मदिशा में चलनेवाले व्यक्ति को कभी कोई अकार्य नहीं करना चाहिए ।
|
| 5. | समाजशास्त्र विभाग, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली-110067 संयुक्त घराना के अकार्य
|
| 6. | ये अपन अकार्य दो कौमो को लड़ा कर पूरा करना चाहते है..
|
| 7. | संयुक्त घराना के अकार्य अमित कुमार शर्मा समाजशास्त्र विभाग, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली
|
| 8. | अभिप्राय यह है कि कोई भी अकार्य करने से व्यक्ति सन्मार्ग से भ्रष्ट होजाता है।
|
| 9. | इसलिए अध्यात्ममार्ग पर चलने वाले व्यक्ति को अकार्य के परित्याग में सदा सचेत रहना चाहिए ।
|
| 10. | मोह-माया के बंधन को त्याग, इस कार्य को बिगाड़ कर अकार्य क्यों कर रहा है?
|