संज्ञा
| तंत्रशास्त्र की एक क्रिया जिसमें मत्र के एक-एक अक्षर को पढ़कर हृदय, नाक, कान आदि छूते हैं:"वह अक्षरन्यास कर रहा है"
| | शब्द निर्माण में प्रयुक्त अक्षरों का उचित क्रम:"वर्तनी की समुचित जानकारी के अभाव में अशुद्ध लेखन को बढ़ावा मिलता है" पर्याय: वर्तनी, हिज्जा, वर्ण-विन्यास, वर्णविन्यास, अक्षर-विन्यास, अक्षरविन्यास, अक्षरी, स्पेलिंग,
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