| 1. | पीढ़ी दर पीढ़ी अड़वाल परिवार ही अड़वाल नाग मंदिर की पूजा-पाठ करते आ रहे हैं, इसलिए इन्हें नागमंत्री कहा जाता है।
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| 2. | पीढ़ी दर पीढ़ी अड़वाल परिवार ही अड़वाल नाग मंदिर की पूजा-पाठ करते आ रहे हैं, इसलिए इन्हें नागमंत्री कहा जाता है।
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| 3. | पीढ़ी दर पीढ़ी अड़वाल परिवार ही अड़वाल नाग मंदिर की पूजा-पाठ करते आ रहे हैं, इसलिए इन्हें नागमंत्री कहा जाता है।
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| 4. | पीढ़ी दर पीढ़ी अड़वाल परिवार ही अड़वाल नाग मंदिर की पूजा-पाठ करते आ रहे हैं, इसलिए इन्हें नागमंत्री कहा जाता है।
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| 5. | पीढ़ी दर पीढ़ी अड़वाल परिवार ही अड़वाल नाग मंदिर की पूजा-पाठ करते आ रहे हैं, इसलिए इन्हें नागमंत्री कहा जाता है।
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| 6. | पीढ़ी दर पीढ़ी अड़वाल परिवार ही अड़वाल नाग मंदिर की पूजा-पाठ करते आ रहे हैं, इसलिए इन्हें नागमंत्री कहा जाता है।
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| 7. | नाग देवता ने तब से वरदान दिया कि जो भी व्यक्ति अड़वाल मंदिर पर आकर मन्नत माँगेगा, उसकी हर इच्छा पूर्ण होगी।
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| 8. | नाग देवता ने तब से वरदान दिया कि जो भी व्यक्ति अड़वाल मंदिर पर आकर मन्नत माँगेगा, उसकी हर इच्छा पूर्ण होगी।
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| 9. | नाग देवता ने तब से वरदान दिया कि जो भी व्यक्ति अड़वाल मंदिर पर आकर मन्नत माँगेगा, उसकी हर इच्छा पूर्ण होगी।
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| 10. | शहर से लगी उतावली नदी के समीप स्थित अड़वाल परिवार के नाग मंदिर पर हर वर्ष ऋषि पंचमी के दिन बड़ी संख्या में लोग पहुँचते हैं।
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