सभी उम्र में, पीने की लत (जिसे गंभीरतम अवस्था में मनोजात अतिपिपासा कहा जाता है) बहुमूत्ररोग के होने का प्रमुख कारण है.
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सभी उम्र में, पीने की लत (जिसे गंभीरतम अवस्था में मनोजात अतिपिपासा कहा जाता है) बहुमूत्ररोग के होने का प्रमुख कारण है.
3.
तेजी से वजन घटना, तीव्र हृदय स्पंदन दर (टैकिकार्डिया), उल्टी, दस्त, अतिपिपासा (पोलिडिप्सिया) और भोजन में वृद्धि, तथा मूत्र उत्पादन में वृद्धि (पोलियूरिया).
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तेजी से वजन घटना, तीव्र हृदय स्पंदन दर (टैकिकार्डिया), उल्टी, दस्त, अतिपिपासा (पोलिडिप्सिया) और भोजन में वृद्धि, तथा मूत्र उत्पादन में वृद्धि (पोलियूरिया).
5.
जबकि चिकित्सा साहित्य में कई वयस्क मामले, मानसिक विकारों के साथ जुड़े रहते हैं, अतिपिपासा की आदत वाले अधिकांश रोगियों को कोई अन्य बीमारी नहीं होती है.
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जबकि चिकित्सा साहित्य में कई वयस्क मामले, मानसिक विकारों के साथ जुड़े रहते हैं, अतिपिपासा की आदत वाले अधिकांश रोगियों को कोई अन्य बीमारी नहीं होती है.
7.
इसमें दिन भर थकान, प्रात: उठने पर लगना की नींद पूरी नहीं हुई, इसके साथ ही बहुमूत्रता (बार बार मूत्र जाना) अतिपिपासा (प्यास अधिक लगाना) और अधिक भूख लगाना (polyphagia) प्रारम्भ हो गया हे तो समझ लें डाईविटीज का शरीर में प्रवेश हो गया है।