उन्होंने कहा कि अतिपोषण और कुपोषण दोनों बीमारी का कारण हैं।
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विकसित देशों में अतिपोषण की समस्या है तो विकासशील देशों में कुपोषण की।
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विकसित देशों में अतिपोषण की समस्या है तो विकासशील देशों में कुपोषण की।
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विकसित देशों में अतिपोषण की समस्या है, जबकि विकासशील देशों में कुपोषण की।
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यह परिदृश्य निश्चित तौर पर बेहद चिंतित करने वाला है कि एक ओर तो देश का भविष्य (बच्चे) कुपोषण और ऊँचे मृत्यु दर के कारण संकट में है वहीं नेता नामक जीवधारी अतिपोषण से बीमार हो चुका है.
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आतराग प्रधान शरीर निर्माण = शिशु का जीवन माता के गर्भावस्था में और उसके बाद शैशवावस्था में दोषपूर्ण अतिपोषण आहार से बालक को मानसिक विकास और शारीरिक विकास को अवरुद्ध ही नही करता बल्कि बीमार होने की सम्भावनाए भी बढ़ा देता है.