कल रात एक और रिश्ते की मौत हो गई पड़ोस में अतिवेदना के स्वर कुत्ते-बिल्ली का रोना था सुबह-सवेरे उठ कर कोई नया रिश्ता जोड़ना था तकियों में सिर छुपाये लंबी तान सो रहे भई किसे फुर्सत है मरने की मिट्टी परआँख भरने की!
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(1) कल रात एक और रिश्ते की मौत हो गई पड़ोस में अतिवेदना के स्वर कुत्ते-बिल्ली का रोना था सुबह-सवेरे उठ कर कोई नया रिश्ता जोड़ना था तकियों में सिर छुपाये लंबी तान सो रहे भई किसे फुर्सत है मरने की मिट्टी परआँख भरने की!
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रिश्ते” (1) कल रात एक और रिश्ते की मौत हो गई पड़ोस में अतिवेदना के स्वर कुत्ते-बिल्ली का रोना था सुबह-सवेरे उठ कर कोई नया रिश्ता जोड़ना था तकियों में सिर छुपाये लंबी तान सो रहे भई किसे फुर्सत है मरने की मिट्टी परआँख भरने की!