| 1. | फलत: अतिव्याप्ति का निराकरण हो जाता है।
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| 2. | लेकिन भामह में एक अतिव्याप्ति दोष है.
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| 3. | इस स्लोगन में अतिव्याप्ति दोष हो सकता है।
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| 4. | क्योंकि हरेक में अव्याप्ति अथवा अतिव्याप्ति का दोष है।
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| 5. | इस परिभाषा में अतिव्याप्ति दोष है.
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| 6. | फलत: उपाधि लक्षण की अतिव्याप्ति अपरिहार्य हो जाती है।
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| 7. | अतिव्याप्ति दोष वश ही अधिमूल्यन है-जिससे “प्रलोभन” है।
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| 8. | भ्रम मुक्ति = अतिव्याप्ति, अनाव्यप्ति, अव्याप्ति दोषों से मुक्त होना।
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| 9. | इस लक्षण में भी अतिव्याप्ति है।
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| 10. | इस परिभाषा में अतिव्याप्ति दोष है.
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