कलिलों में अतिसूक्ष्मदर्शी (ultra-microscope) की सहायता से ब्राउनीय गति को देखा जा सकता है।
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अतिसूक्ष्मदर्शी द्वारा दिखाई देने वाले कणों की सूक्ष्मता प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर रहती है।
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अतिसूक्ष्मदर्शी द्वारा दिखाई देने वाले कणों की सूक्ष्मता प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर रहती है।
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सीडेंटौफ़ ने अतिसूक्ष्मदर्शी की रीति में बहुत सुधार किए जिससे अत्यंत सूक्ष्म कणों को देखना संभव हो गया है।
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सीडेंटौफ़ ने अतिसूक्ष्मदर्शी की रीति में बहुत सुधार किए जिससे अत्यंत सूक्ष्म कणों को देखना संभव हो गया है।
7.
अतिसूक्ष्मदर्शी रचनाओं का अध्ययन ऐसी संरचनाओं का वर्णन करता है जो साधारण प्रकाश द्वारा प्रकाशित सूक्ष्मदर्शी की दृश्य सीमा से परे हैं ।
8.
अतिसूक्ष्मदर्शी द्वारा बहुत से विलयनों (सोल्यूशंस) की परीक्षा से पता चलता है कि उन विलयनों के भीतर या तो ठोस के छोटे-छोटे कण कलिलीय अवस्था)
9.
अतिसूक्ष्मदर्शी द्वारा बहुत से विलयनों (सोल्यूशंस) की परीक्षा से पता चलता है कि उन विलयनों के भीतर या तो ठोस के छोटे-छोटे कण कलिलीय अवस्था)
10.
परंतु अतिसूक्ष्मदर्शी की सहायता से, अनुकूल परिस्थितियों में, इतने छोटे-छोटे कण देखे जा सकते हैं जिनका व्यास प्रकाश के तरंगदैर्घ्य के १,१०० भाग के बराबर हो।