मिताहार न करके अत्याहार करता है जिसके फलस्वरूप निद्रा, तन्द्रा, आलस्य
2.
अधिक भोजन: अधिक भोजन करने की प्रवृत्ति को अत्याहार कहते हैं।
3.
ये हैं-अत्याहार, प्रयास, प्रजल्प, नियमाग्रह, जनसंग तथा लौल्य।
4.
यदि साधक मिताहार न करके अत्याहार करता है जिसके फलस्वरूप निद्रा, तन्द्रा, आलस्य और प्रमाद से घिर जाता है जो कि साधना में बाधक है।
5.
विभिन्न देशों में कोलोरेक्टल कैंसर घटना की तुलना यह सुझाव देती है कि निष्क्रिय, अत्याहार (अर्थात, उच्च केलोरिक का सेवन), और शायद अधिक मांसाहार (लाल या संसाधित) करने वाले व्यक्ति में कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.
6.
विभिन्न देशों में कोलोरेक्टल कैंसर घटना की तुलना यह सुझाव देती है कि निष्क्रिय, अत्याहार (अर्थात, उच्च केलोरिक का सेवन), और शायद अधिक मांसाहार (लाल या संसाधित) करने वाले व्यक्ति में कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.
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विभिन्न देशों में कोलोरेक्टल कैंसर घटना की तुलना यह सुझाव देती है कि निष्क्रिय, अत्याहार (अर्थात, उच्च केलोरिक का सेवन), और शायद अधिक मांसाहार (लाल या संसाधित) करने वाले व्यक्ति में कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.