यह परम्परा अध्यावधी आज भी राजपूत समाज में विद्यमान है. आज नारी स्वतन्त्रता की हिमायत करने वाले इस बात को कभी नही समझ पाएंगे.यह अत्योक्ति नही है पर मुझे यह कहते हुए गर्व अनुभव होता है कि आज भी कुलीन राजपुत परिवारों में यह मर्यादा कायम है|"मदन सिंह शेखावत