बाह्यत्वचा के नीचे अधस्त्वचा (hypodermis) होती है, जिसकी कोशिका बहुधा मोटी होती है।
2.
यदि किसी गिनीपिग की अधस्त्वचा में घोड़े का सीरम (रुधिर का द्रव भाग, जो जमनेवाले भागों के जम जाने पर अलग हो जाता है)
3.
यदि किसी गिनीपिग की अधस्त्वचा में घोड़े का सीरम (रुधिर का द्रव भाग, जो जमनेवाले भागों के जम जाने पर अलग हो जाता है)
4.
शिराओं में संचित रुधिर गुरुत्वाकर्षण से स्थानिक कोशिकाओं पर दबाव डालता है और इसी के फलस्वरूप कोशिकाओं से तरल पदार्थ छानकर अधस्त्वचा में संचित हो जाता है तथा अधस्त्वचीय ऊतक में शोथ उत्पन्न कर देता है।
5.
शिराओं में संचित रुधिर गुरुत्वाकर्षण से स्थानिक कोशिकाओं पर दबाव डालता है और इसी के फलस्वरूप कोशिकाओं से तरल पदार्थ छानकर अधस्त्वचा में संचित हो जाता है तथा अधस्त्वचीय ऊतक में शोथ उत्पन्न कर देता है।
6.
यदि किसी गिनीपिग की अधस्त्वचा में घोड़े का सीरम (रुधिर का द्रव भाग, जो जमनेवाले भागों के जम जाने पर अलग हो जाता है) प्रविष्ट किया जाए और दस दिन बाद उसी गिनीपिग को उसी सीरम की पहले से बड़ी मात्रा दी जाए, तो उसके अंगों में कंपन उत्पन्न हो जाता है।