इन्हीं दुर्लभ पांडुलिपियों के उपलब्ध न होने के कारण तारों के विस्फोट अर्थात् अधिनवतारा (सुपरनोवा) की जानकारी भी नहीं मिल सकी।
2.
मैं सुश्री सरोजा भाटे का भी आभारी हूँ, जिन्होंने हमारी संयुक्त परियोजना रिपोर्ट से वह अंश अद्धृत करने की अनुमति दी, जिसमें सन् 1054 में कर्कट अधिनवतारा (क्रैब सुपननोवा) विस्फोट को देखने संबंधी भारतीय दस्तावेजों का वर्णन है।