लेकिन निकल कर ही क्या होगा? किस शिव का धनुष मेरे बिना अनटूटा पड़ा है?
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लेकिन निकल कर ही क्या होगा? किस शिव का धनुष मेरे बिना अनटूटा पड़ा है?
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उनकी ' दलित, पिछड़े झूठे वायदों का अनटूटा इतिहास ', ' ट्राइबल डेवलपमेंट ' आदि किताबों में आदिवासियों की समस्याएं और भावनाएं शिद्दत से महसूस की जा सकती है.
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डा शर्मा एक मध्यस्थ के नाते तात्कालिक बातों को छुपाते हुए दीर्घकालिक बातों को प्रकट करना चाहते थे और उसके लिए-टूटे वायदों का अनटूटा इतिहास-जैसी किताब भी बांट रहे थे लोग किताबें देख कर भी उनसे वैसे ही सवाल पूछ रहे थे।