मौसम की करवट अनाच्छादन दर बढ़ाने में योगदान करती है।
4.
शैल अनाच्छादन की दर बढ़ने के प्राकृतिक एवं मानवजनित दोनों कारण हैं।
5.
इस मैदान की समुद्री अनाच्छादन का मैदान (plain of marine denudation) कहते हैं।
6.
उत्पादन की प्रक्रिया की ईंट की आवश्यकता होती है और जीवाश्म ईंधन की खपत के अनाच्छादन
7.
हिमालय में जल प्रवाह से होने वाले पर्वतीय क्षरण के कारण शैल अनाच्छादन (डेन्यूडेशन) भी निरंतर चलता रहता है।
8.
कुछ विशेषतायें भी भिन्न हैं, किन्तु लम्बी अवधि तक अनाच्छादन की क्रिया के कारण इसका धरातल असमान हो गया है ।
9.
(1) प्राकृतिक कारकों द्वारा पृष्ठीय शैलों का क्षय (decay), अपरदन (erosion) एवं अनाच्छादन (denudation) तथा उससे उत्पन्न अवसाद इत्यादि का परिवहन (transport),
10.
पर्वतीय क्षेत्र के विकास में सम्भावित शैल अनाच्छादन एवं उसके प्रभाव की पूरी जानकारी कोई भी परियोजना प्रारम्भ करने से पूर्व होनी आवश्यक है।