मैं अनामता पसंद नहीं करता मगर हाँ उन वैलिड आधारों के प्रति एक अनचाही सी स्वीकृति / सहिष्णुता भी विकसित करता रहा हूँ...
2.
एक ही व्यक्ति अनेक नामों या अनामता से स्वयं अपने और दूसरों के ब्लॉगों पर आॅरवेलीय ‘डबलथिंक ' और ‘डबलस्पीक' का लॅकैरीय ‘मोल' या ‘डबल एजेंट' बना हुआ है।
3.
एक ही व्यक्ति अनेक नामों या अनामता से स्वयं अपने और दूसरों के ब्लॉगों पर आॅरवेलीय ' डबलथिंक' और 'डबलस्पीक' का लॅकैरीय 'मोल' या 'डबल एजेंट' बना हुआ है।
4.
एक ही व्यक्ति अनेक नामों या अनामता से स्वयं अपने और दूसरों के ब्लॉगों पर आॅरवेलीय ‘ डबलथिंक ' और ‘ डबलस्पीक ' का लॅकैरीय ‘ मोल ' या ‘ डबल एजेंट ' बना हुआ है।
5.
कारन कई ऐसे ब्लॉगर हैं जैसे उन्मुक्त जी ही जो अनाम रहकर बहुत करीब से हैं इतने करीब कि अनामता का बोध मिट गया है-अंततः प्रवीण जी यह चेतना ही है जो अपना वजूद स्थापित कर लेती है, प्रभुता बना लेती है..
परिभाषा
गुमनाम होने की अवस्था:"उसने गुमनामी के अंधकार में ही अपना जीवन बिताया" पर्याय: गुमनामी, अनामिकता,