यह जानते हुए कि अनिदान्य और अलक्षणात्मक कैंसर की अवधि काफ़ी लंबी होती है, ऊपर के दो चिकित्सक-रोगियों में कैंसर ‘लक्षणात्मक में बदलने से पूर्व कई वर्षों तक बिना दिखावट के छुपे’ अवश्य रहे होगें; और जितने समय तक कैंसर अनिदान्य (एवं अनुपचारित) रह गया था, उतने समय तक सौभाग्य से दोनों शल्यचिकित्सकों को कीट्सीय मरणोपरांत अस्तित्व से बचाया गया।
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यह जानते हुए कि अनिदान्य और अलक्षणात्मक कैंसर की अवधि काफ़ी लंबी होती है, ऊपर के दो चिकित्सक-रोगियों में कैंसर ‘लक्षणात्मक में बदलने से पूर्व कई वर्षों तक बिना दिखावट के छुपे’ अवश्य रहे होगें; और जितने समय तक कैंसर अनिदान्य (एवं अनुपचारित) रह गया था, उतने समय तक सौभाग्य से दोनों शल्यचिकित्सकों को कीट्सीय मरणोपरांत अस्तित्व से बचाया गया।