हायक ने अपने श्रेष्ठ उदारवाद को अनुदारवाद से अलग बताया.
3.
व्यावसायिकता-कामुकता और अनुदारवाद को आदर्श अनुभव के रूप में पेश किया जा रहा है।
4.
आर्थिक अनुदारवाद (कथित नवउदारवाद) ने धार्मिक-नस्ली-जातीय अनुदारवाद के लिए उर्वर ज़मीन तैयार की है।
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आर्थिक अनुदारवाद (कथित नवउदारवाद) ने धार्मिक-नस्ली-जातीय अनुदारवाद के लिए उर्वर ज़मीन तैयार की है।
6.
प्रत्येक-उदारतावाद, अनुदारवाद, राष्ट्रवाद, समाजवाद-बेहतर जीवन के लिए खास संस्कृति और विशिष्ट विजन को व्यक्त करता है।
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किताब के पश्चलेख (पोस्टस्क्रिप्ट) में “ व्हाइ आइ एम नॉट अ कंज़र्वेटिव? ” हायक ने अपने श्रेष्ठ उदारवाद को अनुदारवाद से अलग बताया.
8.
अनुदारता को अस्वीकार करने के उनके कारणों में से एक था नैतिक और धार्मिक आदर्श अवपीड़न या क्षरण के पात्र नहीं हैं और अनुदारवाद वैश्विकरण का विरोधी है और तीव्र राष्ट्रवाद का अधोमुख है.
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अनुदारता को अस्वीकार करने के उनके कारणों में से एक था नैतिक और धार्मिक आदर्श अवपीड़न या क्षरण के पात्र नहीं हैं और अनुदारवाद वैश्विकरण का विरोधी है और तीव्र राष्ट्रवाद का अधोमुख है.
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इस तरफ भी संकेत कर देना चाहिएकि पश्चिमी देशों में रूढ़िवाद, अनुदारवाद और कट्टरतावाद के प्रश्न परसमाज-शास्त्रीय तथा राजनीतिक चिन्तनकाफी समृद्ध है और वह मानसिक प्रक्रियाओंकी सामाजिक तथा आर्थिक जड़ों तकपहुँचने के प्रयास का फल है.