| 1. | होता है, जिसके निकलने के स्थान पर अनुपर्ण (
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| 2. | इसके अनुपर्ण (stipul) काँटेदार होते हैं।
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| 3. | अलग अलग रूपवाले अनुपर्ण को विभिन्न नाम दिए गए हैं।
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| 4. | होती हैं और अनुपर्ण कभी छोटे और कभी बड़े होते हैं।
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| 5. | इसे नाल चोली अनुपर्ण कहते हैं और यह इस कुल की विशेषता है।
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| 6. | अनुपर्ण भी अलग अलग पौधों में कई प्रकार के होते हैं, जैसे गुलाब, बनपालक, स्माइलेक्स, इक्ज़ारा इत्यादि में।
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| 7. | अनुपर्ण भी अलग अलग पौधों में कई प्रकार के होते हैं, जैसे गुलाब, बनपालक, स्माइलेक्स, इक्ज़ारा इत्यादि में।
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| 8. | अनुपर्ण भी अलग अलग पौधों में कई प्रकार के होते हैं, जैसे गुलाब, बनपालक, स्माइलेक्स, इक्ज़ारा इत्यादि में।
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| 9. | टहनी से निकलकर पर्णवृत (petiole) होता है, जिसके निकलने के स्थान पर अनुपर्ण (stupule) भी हो सकते हैं।
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| 10. | इनके भाग इस प्रकार है: टहनी से निकलकर पर्णवृत (petiole) होता है, जिसके निकलने के स्थान पर अनुपर्ण (stupule) भी हो सकते हैं।
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