प्रारंभ में भूमि प्राप्त करने, संबध्द प्राधिकारी से अनुमति लेने तथा वास्तु-योजना पारित करने जैसे नीरस, कठिन कार्यों के बाद निर्माण प्रबंधक वास्तुकार, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियर जैसे अन्य तकनीशियनों के साथ मिलकर अनुबध्द रूप से अपना कार्य प्रारंभ करता है।