किसी स्त्रैणवंचित अप्रकृत पूतना के स्तनों में संचित विषदुग्ध को चूस
2.
अपह्नुति जहां प्रकृत का निषेध कर अप्रकृत का स्थापन किया जाय वहां ' अपह्नुति ' अलंकार होता है।
3.
यहाँ गोपी के नाम का निषेध किया गया है और अप्रकृत ' सुग्वालिनि ' नाम की स्थापना की गई है।
4.
परंतु जब एक वर्णक्रम रेखा कई अधिक घटक रेखाओं में विभाजित हो जाती है, तब उसे अप्रकृत ज़ेमान प्रभाव (
5.
वरना किसी स्त्रैणवंचित अप्रकृत पूतना के स्तनों में संचित विषदुग्ध को चूस फेंकने का हुनर और हौसला कोई कृष्ण कहां से लाए? ”
6.
वरना किसी स्त्रैणवंचित अप्रकृत पूतना के स्तनों में संचित विषदुग्ध को चूस फेंकने का हुनर और हौसला कोई कृष्ण कहां से लाए? ''
7.
वरना किसी स्त्रैणवंचित अप्रकृत पूतना के स्तनों में संचित विषदुग्ध को चूस फेंकने का हुनर और हौसला कोई कृष्ण कहां से लाए? ‘‘
8.
वरना किसी स्त्रैणवंचित अप्रकृत पूतना के स्तनों में संचित विषदुग्ध को चूस फेंकने का हुनर और हौसला कोई कृष्ण कहां से लाए? ''
9.
ने यह दिखाया कि अप्रकृत ज़ेमान नमूनों की घटक रेखाओं का विस्थापन, प्रकृत त्रिक् रेखाओं के विस्थापन गुणनफल के रूप में प्रकट किया जा सकता है।
10.
सन् 1907 में रूँगे (Runge) ने यह दिखाया कि अप्रकृत ज़ेमान नमूनों की घटक रेखाओं का विस्थापन, प्रकृत त्रिक् रेखाओं के विस्थापन गुणनफल के रूप में प्रकट किया जा सकता है।