| 1. | [संपादित करें] अप्रगामी तरंग (स्थिर तरंग)
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| 2. | एक आयताकार अनुनादक में उत्पन्न अप्रगामी तरंगें
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| 3. | अप्रगामी तरंग (स्थिर तरंग) [संपादित करें]
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| 4. | कायिक दोष छह डायॉप्टर से कम और स्वभावत: अप्रगामी (
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| 5. | पराश्रव्य तरंगों से जो अप्रगामी तरंगें बनती हैं, उनसे माध्यम का वर्तनांक कहीं बढ़ जाता है और कहीं घट जाता है।
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| 6. | पराश्रव्य तरंगों से जो अप्रगामी तरंगें बनती हैं, उनसे माध्यम का वर्तनांक कहीं बढ़ जाता है और कहीं घट जाता है।
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| 7. | पराश्रव्य तरंगों से जो अप्रगामी तरंगें बनती हैं, उनसे माध्यम का वर्तनांक कहीं बढ़ जाता है और कहीं घट जाता है।
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| 8. | डॉ. आर.सी. मजूमदार ने कहा है कि, “फ़िरोज़ इस युग का सबसे धर्मान्ध एवं इस क्षेत्र में सिंकदर लोदी एवं औरंगज़ेब का अप्रगामी था।
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| 9. | इसके अलावा, तीन, चार, पांच यहां तक कि छः सीमा सतहों वाले जटिल अनुनाद अवस्थाएं भी हैं जिनमें सभी सतहें मिल कर अप्रगामी तरंगें बनाती हैं.
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| 10. | अप्रगामी तरंग में कुछ निश्चित स्थानों पर स्थित कणों का कम्पन सबसे कम (शून्य) होता है, कुछ निश्चित स्थानों के कणों का कम्पन सर्वाधिक होता है।
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