ध्यातव्य है कि यह अधर्म द्रव्य और उपर्युक्त धर्मद्रव्य दोनों अप्रेरक निमित्त हैं * और अतीन्द्रिय हैं तथा दोनों पुण्य एवं पापरूप धर्म-अधर्म नहीं है-उनसे ये दोनों पृथक् हैं।
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इन पंक्तियों के लेखक से अनुमति सहित यहां प्रस्तुत करना चाहूंगा हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दीजैसे प्रश्नवाचक चिन्ह के नीचे लगी बिन्दी पंकुल अप्रेरक प्रसंगः कपड़ों से फर्क पड़ता है कुछ समय पहले ही बात है।