समय का अभाव् होने के कारण लोग प्राय: मुहूर्त के महत्त्व को भूल जाए है.
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कोची केरला से शास्त्रीजी ने हमारे खबरी को बताया कि-” टिपणीयो का भारी अभाव् या मन्दी का मुझे पहले से अन्देशा था, मैने इस टिपणीया मन्दी से निपटने के लिऐ ब्लोग मे कई तरह के बदलाव किऐ है।