| 1. | प्रेरकत्व का मान चालक को घेरे हुए चुंबकीय अभिवाह (
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| 2. | इस प्रकार चुंबकीय अभिवाह (फ्लक्स / flux) का रूप भी प्रम्यावर्ती होगा।
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| 3. | इस प्रकार, चुंबकीय अभिवाह को काटने से उसमें एक वोल्टता जनित होती है।
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| 4. | इस प्रकार, चुंबकीय अभिवाह को काटने से उसमें एक वोल्टता जनित होती है।
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| 5. | १९ स्थलों पर अभिवाह, १२ स्थलों पर निर्घर्षण तथा १९८ स्थलों पर वर्षापात के संबंध में प्रेक्षण किएगए.
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| 6. | यदि पहली कुंडली में दिष्ट धारा (direct current) प्रवाहित की जाए तो अभिवाह बंधताओं में परिवर्तन का प्रश्न ही नहीं उठता।
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| 7. | इस प्रकार, अभिवाह भी दूसरी कुंडली की लपेट को आवर्ती रूप में काटता है और उसमें वि.वा.व. की उत्पत्ति हो जाती है।
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| 8. | घूमते हुए चुंबकीय क्षेत्र में स्थित चालक में भी वोल्टता प्रेरित होगी, क्योंकि इस दशा में भी वह चुंबकीय अभिवाह को काट रहा है।
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| 9. | घूमते हुए चुंबकीय क्षेत्र में स्थित चालक में भी वोल्टता प्रेरित होगी, क्योंकि इस दशा में भी वह चुंबकीय अभिवाह को काट रहा है।
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| 10. | परंतु अभिवाह की दिशा एवं परिमाण स्थिर होने पर भी यदि चालक चलनशील हो, तो अभिवाह के काटे जाने के फलस्वरूप, उसमें वि.वा.व. की उत्पत्ति होगी।
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