आध्यात्मिकता अपार्थिवता, अभौतिकता की तरफ ले जाती है और धर्म को ही गरिमा देती है।
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आध् यात्मिकता अपार्थिवता, अभौतिकता की तरफ ले जाती है और धर्म को ही गरिमा देती है।
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अन्तज्र्ञानात्मक धरातल अन्तज्र्ञानात्मक धरातल आत्मा द्वारा निर्दिष्ट होता है तथा इसकी मुख्य विशेषता आन्तरिक जागृति, अभौतिकता, धर्म, मन, चित्त, दया, भविष्यवाणी तथा पूजा आदि हैं।