| 1. | वीणा जी बहुत ही सुंदर अभ्व्यक्ति,.
|
| 2. | सुनो कहानी-जाल-पत्रिका अभ्व्यक्ति में एक अच्छा लेख
|
| 3. | आपकी रचना उसी क्रम में एक सुन्दर अभ्व्यक्ति है.
|
| 4. | वीणा जी बहुत ही सुंदर अभ्व्यक्ति,
|
| 5. | अनुभूति को अभ्व्यक्ति में बदलने कि सामर्थ्य सीमा है......
|
| 6. | वीणा जी बहुत ही सुंदर अभ्व्यक्ति, आपने बहुत सही लिखा है.
|
| 7. | “तरुवर फल नहीं खात है सरवर करही ना पान” सटीक अभ्व्यक्ति.
|
| 8. | विनीता जी, बहुत ही बढ़िया रचना! भावों की सुन्दर अभ्व्यक्ति!
|
| 9. | नीचे इसी आत्मकथा की मेरी वह काव्यमय अभ्व्यक्ति है जिसे ब्लाग बनाने के दौर में मैंने महसूस किया।
|
| 10. | तमन्ना जी आज विचारों की अभ्व्यक्ति के नाम पर कुछ भी कहा जा सकता है, …….
|