| 1. | अब इन फूलों से गुलाब का अर्क़ और खाद बनाई जाएगी.
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| 2. | अब इन फूलों से गुलाब का अर्क़ और खाद बन...
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| 3. | इसका अर्क़ निकाल कर ऊंट की खाल की कुप्पी में भर लो।
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| 4. | इसका अर्क़ निकाल कर ऊंट की खाल की कुप्पी में भर लो।
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| 5. | इसका अर्क़ निकाल कर ऊंट की खाल की कुप्पी में भर लो।
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| 6. | 3-लक़वा और फ़ालिज के लिये एक गोली आबे मर्ज़न्जोश (तकसी बूटी के अर्क़)
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| 7. | अब किताबों में लिखी बातें महज़ हवाई उपदेश नहीं होकर उसके अपने आचरण का अर्क़ बनने लगीं.
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| 8. | 2-संगे मसाना (पथरी) के लिये एक गोली मूली के अर्क़ के साथ खिलाएं।
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| 9. | अब किताबों में लिखी बातें महज़ हवाई उपदेश नहीं होकर उसके अपने आचरण का अर्क़ बनने लगीं.
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| 10. | अद्भुत...क्या लेखन है काकेश जी! वाह इसका अर्क़ निकाल कर ऊंट की खाल की कुप्पी में भर लो।
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