जैसे-काल भेद से ‘गंगा थी, गंगा है,गंगा होगी' इन शब्दों को तीन अर्थ-भेद से स्वीकार करेगा।
3.
कभी इस पर वर्ण-भेद की प्रेत छाया, छाई रही, वर्तमान में यह अर्थ-भेद से ग्रस्त है.
4.
जैसे-काल भेद से ‘ गंगा थी, गंगा है, गंगा होगी ' इन शब्दों को तीन अर्थ-भेद से स्वीकार करेगा।
5.
अर्थात् अर्थ-भेद के कारण भिन्न-भिन्न शब्द एक साथ उच्चरित होने से जब आपस में मिल जाते हैं, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं।
6.
शब्दनय जहाँ अनेक पर्यायवाची शब्द का एक ही अर्थ मानता है, उसमें भेद नहीं करता, वहाँ समभिरूढनय पर्यायवाची शब्द के भेद से अर्थ-भेद मानता है।
7.
शब्दनय जहाँ अनेक पर्यायवाची शब्द का एक ही अर्थ मानता है, उसमें भेद नहीं करता, वहाँ समभिरूढनय पर्यायवाची शब्द के भेद से अर्थ-भेद मानता है।
8.
लड़का-लड़की जैसे शब्दों का अर्थ-भेद प्राकृतिक लिंग (ैमग)-गत अर्थ-भेद है और आदमी-घोड़ा जैसे शब्दों का अर्थ-भेद प्राकृतिक जाति (प्राणि-वर्ग) गत अर्थ भेद है।
9.
लड़का-लड़की जैसे शब्दों का अर्थ-भेद प्राकृतिक लिंग (ैमग)-गत अर्थ-भेद है और आदमी-घोड़ा जैसे शब्दों का अर्थ-भेद प्राकृतिक जाति (प्राणि-वर्ग) गत अर्थ भेद है।
10.
लड़का-लड़की जैसे शब्दों का अर्थ-भेद प्राकृतिक लिंग (ैमग)-गत अर्थ-भेद है और आदमी-घोड़ा जैसे शब्दों का अर्थ-भेद प्राकृतिक जाति (प्राणि-वर्ग) गत अर्थ भेद है।