| 1. | एक जोड़ी होते हैं, जो कुछ जीवों के अवृंत (
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| 2. | पुष्प अवृंत, द्विक्षयक (dioecious) और शूकी (स्पाइक, spike) मंजरी से निकलते हैं।
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| 3. | इसकी आठ लचीली भुजाएँ होती है जिनके ऊपर भीतर की ओर अवृंत चूषक की दो पंक्तियाँ होती हैं।
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| 4. | इसकी आठ लचीली भुजाएँ होती है जिनके ऊपर भीतर की ओर अवृंत चूषक की दो पंक्तियाँ होती हैं।
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| 5. | इसकी आठ लचीली भुजाएँ होती है जिनके ऊपर भीतर की ओर अवृंत चूषक की दो पंक्तियाँ होती हैं।
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| 6. | कुछ पत्तियाँ अवृंत (sessile) होती हैं, जिनमें डंठल नहीं होता, जैसे मदार में तथा कुछ डंठल सहित सवृंत होती हैं।
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| 7. | पत्तियाँ 3. 5 8.0 1.5 3.5 सेंमी., अवृंत, विपरीत, चतुष्क (decussate), भालाकार, लंबाग्र (acuminate) एवं पाँच शिराओं से युक्त होती हैं।
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