बहती हैं नदियाँ जिनमें पानी नहीं काला शोणित अश्यान अप्राण।
3.
स्तर के बाहर का प्रवाह धारारेखी अश्यान तरल जैसा होता है।
4.
स्तर के बाहर का प्रवाह धारारेखी अश्यान तरल जैसा होता है।
5.
अश्यान फलक में तैर नहीं, उछलते हैं बार बार सरकते अदृश्य में फिसलते चमकते रह रह खिलखिल झिलमिल।
6.
अश्यान फलक में तैर नहीं, उछलते हैं बार बार सरकते अदृश्य में फिसलते चमकते रह रह खिलखिल झिलमिल।
7.
कोर से उछलती दमकती बिजलियाँ हैं मेरुप्रभा का आसमान उसके छाये में पलते घने दरख्त, मनुष्य, पशु, हैवान, फरिश्ते बहती हैं नदियाँ जिनमें पानी नहीं काला शोणित अश्यान अप्राण।
8.
परिकल्पित अश्यान (inviscid) तरल के सिद्धांत का एक निष्कर्ष यह है कि यदि कोई पिंड ऐसे तरल में चलता है जो केवल पिंड के कारण ही विरामावस्था को छोड़े हुए है, तो पिंड के परित: