अश्लेशा वाक्य
उच्चारण: [ asheleshaa ]
उदाहरण वाक्य
मोबाइल
- यह प्राचीन भारतीय खगोलशास्त्र के अश्लेशा नक्षत्र का भाग है।
- शुक्र वक्री चाल में कर्क राशी और अश्लेशा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे 19: 19 पे
- अश्लेशा एवं मघा नक्षत्र वालो को चतुर्दिक दुःख, हानि, कष्ट एवं अपमान प्राप्त होगा।
- सप्तमी, अश्लेशा नक्षत्र, वृधि योग, सूर्य राशि वृष...पंचांग: 16 मई, 2013विक्रम संवत 2070, शक संवत 1935, मास
- इसके अन्तर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अन्तिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेशा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं।
- विशेषतः अश्लेशा के प्रथम चरण, मघा के तीसरे चरण एवं पूर्वाफाल्गुनी के दूसरे चरण वालो को इसका विशेष प्रभाव मिलेगा।
- जिसका जन्म अश्लेशा, मघा, ज्येष्ठा, मूल, रेवती एवं अश्विनी नक्षत्रो में हुआ हो वह इसे न धारण करे.
- नक्षत्र में से ६ नक्षत्र ऐसे है जिन्हें गंड मूल नक्षत्र कहा जाता है जैसे: अश्विनी नक्षत्र, अश्लेशा, माघ, ज्येष्ठ, मूला, रेवती।
- किन्तु ध्यान रहे रेवती, अश्विनी, अश्लेशा, ज्येष्ठा, मूल एवं धनिष्ठा नक्षत्र में जिसका जन्म हुआ हो वह इसे न सिद्ध करे.
- ध्यान रहे कृतिका के प्रथम चरण, आर्द्रा, अश्लेशा, श्रवण एवं उत्तरभाद्रपद नक्षत्र में जिसका जन्म हुआ हो वह इस मंत्र को सिद्ध न करे.
- अश्लेशा नक्षत्र के पहले चरण के मालिक बुध-गुरु है, बुध बोलना और गुरु ज्ञान के लिये,जातक को उपदेशक बनाने के लिये दोनो अपनी शक्ति प्रदान करते है,बुध और गुरु की युती जातक को धार्मिक बातों को प्रसारित करने के प्रति भी अपना प्रभाव देते हैं.
- कर्क लगन मे और कर्क राशि के अन्दर पैदा हुआ जातक अश्लेशा का जातक कहा जाता है, यह पिता के लिये भारी कहा जाता है,माता को परदेश वास देता है,तथा धन के लिये माता को सभी सुख देता है और पिता को मरण देता है।
- कर्क लगन मे और कर्क राशि के अन्दर पैदा हुआ जातक अश्लेशा का जातक कहा जाता है, यह पिता के लिये भारी कहा जाता है, माता को परदेश वास देता है, तथा धन के लिये माता को सभी सुख देता है और पिता को मरण देता है।
- अश्लेशा नक्षत्र के पहले चरण के मालिक बुध-गुरु है, बुध बोलना और गुरु ज्ञान के लिये, जातक को उपदेशक बनाने के लिये दोनो अपनी शक्ति प्रदान करते है, बुध और गुरु की युती जातक को धार्मिक बातों को प्रसारित करने के प्रति भी अपना प्रभाव देते हैं.
- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मॄगशिरा, आद्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेशा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढा, उत्तराषाढा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती ।
- यही बात अश्लेशा नक्षत्र के बारे मे कही जाती है कि अगर पहले पद मे जन्म हुया है तो माता को त्याग देता है, दूसरे पाये में पिता को त्याग देता है,तीसरे पाये में अपने बडे भाई या बहिन को और चौथे पाये मे अपने को ही सात दिन,सात महिने,सात साल के अन्दर सभी प्रभावों को दिखा देता है।
- यही बात अश्लेशा नक्षत्र के बारे मे कही जाती है कि अगर पहले पद मे जन्म हुया है तो माता को त्याग देता है, दूसरे पाये में पिता को त्याग देता है, तीसरे पाये में अपने बडे भाई या बहिन को और चौथे पाये मे अपने को ही सात दिन, सात महिने, सात साल के अन्दर सभी प्रभावों को दिखा देता है।
- राशि चक्र की यह चौथी राशि है, यह उत्तर दिशा की द्योतक है,तथा जल त्रिकोण की पहली राशि है,इसका चिन्ह केकडा है,यह चर राशि है,इसका विस्तार चक्र 90 से 120 अंश के अन्दर पाया जाता है,इस राशि का स्वामी चन्द्रमा है,इसके तीन द्रेष्काणों के स्वामी चन्द्रमा,मंगल और गुरु हैं,इसके अन्तर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अन्तिम चरण,पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेशा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं.
- राशि चक्र की यह चौथी राशि है, यह उत्तर दिशा की द्योतक है,तथा जल त्रिकोण की पहली राशि है,इसका चिन्ह केकडा है,यह चर राशि है,इसका विस्तार चक्र 90 से 120 अंश के अन्दर पाया जाता है,इस राशि का स्वामी चन्द्रमा है,इसके तीन द्रेष्काणों के स्वामी चन्द्रमा,मंगल और गुरु हैं,इसके अन्तर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अन्तिम चरण,पुष्य नक्षत्र के चारों चरण तथा अश्लेशा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं.
अश्लेशा sentences in Hindi. What are the example sentences for अश्लेशा? अश्लेशा English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.