असरलता सिर्फ एक गुच्छा है बहूत सारी सरल चीजों का ।
2.
इस संबंध में अमेरिका से प्रकाशित हिन्दी साप्ताहिक विश्व विवेक के प्रधान संपादक डॉ. भूदेव शर्मा लिखते हैं कि पश्चिम के देशों में अच्छी सुख सुविधाएं और सभ्यता है मगर संस्कृति के नाम पर यहां है, स्पर्धा-प्रतिस्पर्धा का सूत्र, संदेहवादी दृष्टिकोण, असहजता, असरलता का वातावरण, मोल-तोल के मूल्य और स्वाभाविक निष्ठुरता।