ये सब आकोचनी पेशियाँ प्रगंडास्थि के अधोप्रांत के अंत: अस्थिकंद (
3.
बहि: पक्षाभिका जबड़े के अस्थिकंद (condyle) को बंद करती है।
4.
इसके अतिरिक्त अस्थिकंद (condyle) पर आघात लगने से भी यह रोग हो सकता है।
5.
बहि: पक्षाभिका जबड़े के अस्थिकंद (condyle) को आगे को खींच कर मुँह को खोलती है।
6.
से एक सामान्य कंडरा तथा अस्थिकंद के ऊपर से निकलती हैं और नीचे पतली कंडराओं द्वारा हथेली की तथा अंगुलियों की अस्थियों में लग जाती हैं।
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ये सब आकोचनी पेशियाँ प्रगंडास्थि के अधोप्रांत के अंत: अस्थिकंद (internal condyle) से एक सामान्य कंडरा तथा अस्थिकंद के ऊपर से निकलती हैं और नीचे पतली कंडराओं द्वारा हथेली की तथा अंगुलियों की अस्थियों में लग जाती हैं।
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ये सब आकोचनी पेशियाँ प्रगंडास्थि के अधोप्रांत के अंत: अस्थिकंद (internal condyle) से एक सामान्य कंडरा तथा अस्थिकंद के ऊपर से निकलती हैं और नीचे पतली कंडराओं द्वारा हथेली की तथा अंगुलियों की अस्थियों में लग जाती हैं।
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जैसे, उन सभी पशुओं में, जिन में कोशिका केंद्रकों के बिना लाल रक्त कोशिकाएँ होती हैं और जिन में सिर का पृष्ठ भाग दुहरी संधि (अस्थिकंद) के द्वारा प्रथम कशेरूक के साथ जुड़ा होता है, निरपवाद रूप में अपने बच्चों को स्तनपान कराने के लिए दुग्ध ग्रंथियाँ भी होती हैं।