| 1. | अहमत्व की सिद्धि के पश्चात् अहमत्व के मूलाधार की खोज अनिवार्य है।
|
| 2. | अहमत्व की सिद्धि के पश्चात् अहमत्व के मूलाधार की खोज अनिवार्य है।
|
| 3. | अहमत्व की सिद्धि के पश्चात् अहमत्व के मूलाधार की खोज अनिवार्य है।
|
| 4. | अहमत्व की सिद्धि के पश्चात् अहमत्व के मूलाधार की खोज अनिवार्य है।
|
| 5. | आदि से ही शरीरी एक स्वत: सिद्ध सूक्ष्म द्रव्य है जो अन्य शरीरों में स्थित होकर अहमत्व के भान का कारण है।
|
| 6. | आदि से ही शरीरी एक स्वत: सिद्ध सूक्ष्म द्रव्य है जो अन्य शरीरों में स्थित होकर अहमत्व के भान का कारण है।
|
| 7. | अत: अहमत्व की प्राप्ति विचारशक्ति से नही, केवल निश्चयात्मक शक्ति से इस प्रकार होती है कि मैं करता हूँ अत: मैं हूँ (अहम् करोमि अतोऽहमस्मि)।
|
| 8. | अत: अहमत्व की प्राप्ति विचारशक्ति से नही, केवल निश्चयात्मक शक्ति से इस प्रकार होती है कि मैं करता हूँ अत: मैं हूँ (अहम् करोमि अतोऽहमस्मि)।
|