सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं।
2.
सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं।
3.
यह सीसे के समान आघातवर्धनीय है।
4.
सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं।
5.
यह सीसे के समान आघातवर्धनीय है।
6.
धातु आघातवर्धनीय होते हैं-इनको हथौड़े से पीटकर लम्बा किया जा सकता है ।
7.
(1) वियोज्य, आघातवर्धनीय लौह (detachable malleable iron) शृंखला-इस प्रकार की शृंखला अघातवर्धनीय लोहे की कड़ियों को जोड़कर बनाई जाती है।
8.
ढलवां लोहे को बीसवीं सदी के मध्य तक इस्तेमाल किया जाता रहा, लेकिन धीरे-धीरे इसकी जगह एल्यूमीनियम या अन्य सामग्रियों और प्रक्रियाओं जैसे कि कांच के रोग़न युक्त (विट्रियस एनामेल्ड) और/या दबाकर बनाए गए आघातवर्धनीय लोहे (प्रेस्ड मेलिएबल आयरन) या (बाद में) इस्पात (स्टील) का इस्तेमाल किया जाने लगा.
9.
ढलवां लोहे को बीसवीं सदी के मध्य तक इस्तेमाल किया जाता रहा, लेकिन धीरे-धीरे इसकी जगह एल्यूमीनियम या अन्य सामग्रियों और प्रक्रियाओं जैसे कि कांच के रोग़न युक्त (विट्रियस एनामेल्ड) और/या दबाकर बनाए गए आघातवर्धनीय लोहे (प्रेस्ड मेलिएबल आयरन) या (बाद में) इस्पात (स्टील) का इस्तेमाल किया जाने लगा.