क्योंकि कुलीन का ' शु द्ध तावाद ' ' आचरणवाद ' ' नैतिकतावाद ', इस ' जाति-घृणा ' का उन्मूलन करने में आने वाली कई शताब्दियां लेता।
2.
धार्मिक मुद्दों पर इतिहास का अपना मनगढ़ंत वर्णन, धार्मिक शिक्षा के नाम पर आचरणवाद और दूसरे धर्मों के प्रति असंवदेनशीलता का बढना एक और समस्या है जिस पर गौर किया जाना चाहिए।