आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि पुंगव
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चाह करने वाले के चाकर अर्थात् आज्ञानुवर्ती होकर रहना चाहिए इसके
3.
उपासना का तात्पर्य अपनी मनोभूमि को इस लायक बनाना है कि हम भगवान के आज्ञानुवर्ती बन सकें।
4.
ईश्वर की विशेष प्रसन्नता, अनुकंपा एवं सहायता प्राप्त करने के लिए हमें परमेश्वर का आज्ञानुवर्ती धर्म परायण होना चाहिए।
5.
सांसारिक त्याग के बाद इंदूश्रीजी की शिष्या बनीं और सागर समुदाय की सबसे वरिष्ठ साध्वी और आचार्य नवरत्नसागरजी की आज्ञानुवर्ती थीं।
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सांसारिक त्याग के बाद इंदूश्रीजी की शिष्या बनीं और सागर समुदाय की सबसे वरिष्ठ साध्वी और आचार्य नवरत्नसागरजी की आज्ञानुवर्ती थीं।
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आलीराजपुर आचार्य देव रवींद्रसूरिश्वरजी मसा की आज्ञानुवर्ती साध्वी रत्नत्रयाश्रीजी और तत्वत्रयाश्रीजी के लिए शनिवार को श्री संघ ने बिदाई कार्यक्रम का आयोजन किया।
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इसका तात्पर्य है, इन तीनों का आदर करना, इनकी सामर्थ्यों को बढ़ाने के लिए सहयोग देना, तथा इनका आज्ञानुवर्ती होना ।।
9.
आचार्य श्री रामेश का जन्मोत्सव आज-मीरानगर जैन स्थानक में आचार्य श्री रामेश की आज्ञानुवर्ती विदुषी महासती चेतनाश्री मसा आदि ठाणा के प्रवचन गुरुवार...
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साध्वीश्री का विदाई कार्यक्रम 28 कोआलीराजपुर-!-आचार्य देव रवींद्रसूरिश्वर मसा की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री रत्त्रयाश्रीजी एवं साध्वीश्री तत्वत्रयाश्रीजी २८ नवंबर को लक्ष्मणी तीर्थ की ओर विहार करेगी।