| 1. | सामान्य आननी शिरा इसी में मिल जाती है।
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| 2. | सामान्य आननी शिरा इसी में मिल जाती है।
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| 3. | और सामान्य आननी शिराओं के द्वारा लौटाती हैं।
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| 4. | आननी दर्द के हाल के एक वर्गीकरण के आधार पर इस भिन्नरूप को अक्सर “त्रिपृष्ठी तंत्रिकाशूल, प्रकार 2” कहा जाता है.
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| 5. | आननी दर्द [7] के हाल के एक वर्गीकरण के आधार पर इस भिन्नरूप को अक्सर “त्रिपृष्ठी तंत्रिकाशूल, प्रकार 2”[8] कहा जाता है.
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| 6. | इस विकार को अत्यधिक आननी दर्द की प्रसंगों द्वारा अभिलक्ष्यित किया जाता है जो कुछ सेकण्ड से लाकर कई मिनट या घंटे रह सकता है.
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| 7. | इस विकार को अत्यधिक आननी दर्द की प्रसंगों द्वारा अभिलक्ष्यित किया जाता है जो कुछ सेकण्ड से लाकर कई मिनट या घंटे रह सकता है.
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| 8. | प्रक्रियाओं से स्थायी तौर पर दर्द से राहत मिल सकता है और तब बहुत कम आननी संवेदनशून्यता रह जाती है या बिलकुल नहीं रहती है.
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| 9. | यह चबाने की क्रिया में, न कि आननी अभिव्यक्ति में, भाग लेने वाली मांसपेशियों अर्थात् चर्वण मांसपेशियों की मोटर क्रिया के लिए भी जिम्मेदार होता है.
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| 10. | यह चबाने की क्रिया में, न कि आननी अभिव्यक्ति में, भाग लेने वाली मांसपेशियों अर्थात् चर्वण मांसपेशियों की मोटर क्रिया के लिए भी जिम्मेदार होता है.
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