संज्ञा
| पूर्णता या दक्षता प्राप्त करने के लिए बार-बार एक ही क्रिया का साधन:"निरंतर अभ्यास से दक्षता पाई जा सकती है" पर्याय: अभ्यास, रियाज़, रियाज, मश्क, मश्क़, प्रैक्टिस,
| | भारतीय आर्यों के सर्वप्रधान और सर्वमान्य धर्मग्रंथ:"वेदों की संख्या चार है" पर्याय: वेद, निगम, श्रुति, आगम, स्वाध्याय,
| | वेद, तर्क शास्त्र आदि का पाठ एवं अभ्यास:"गुरुजी प्रतिदिन आम्नाय में लगे रहते हैं"
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