जो उसकी राह में कहो, इकरारी ग़ज़ल होती है, अंदाज़े बयाँ हो श्याम का वो न्यारी ग़ज़ल होती है॥
2.
अगर वह लिआन से इनकार करदे तो उसको उस वक़्त तक क़ैद रखा जाएगा जब तक वह लिआन करे या अपने झुट का इकरारी हो.
3.
मूल दीवानी वाद संख्या-138 / 2004 अब्दुल अजीज आदि बनाम जाहिद हुसैन के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादीगण अब्दुल अजीज व अब्दुल लतीफ द्वारा जाहिद हुसैन के विरूद्ध अवर न्यायालय के समक्ष बैनामा दिनांक 23-7-2004 की मंसूखी हेतु इकरारी अब्दुल शकूर बाबत खाता संख्या-13 रकबा 2.48 एकड़ का 1/3 भाग स्थित ग्राम रम्पुरा, तहसील काशीपुर तथा खाता संख्या-24 रकबा 4.98 एकड़ का 1/3 भाग ग्राम नींझडा, तहसील काशीपुर, जिसकी रजिस्ट्री काशीपुर के कार्यालय में बही नम्बर-1, जिल्द 1290 के पृष्ठ-115/118 के क्रमांक 3644 पर दिनांक 23-7-2004 की है, हेतु योजित किया था।