उत्केंद्रता (eccentricity) का वर्ग = 1-a2/b2 = 0.00672,26700
2.
आकाश में ग्रह की स्थिति जानने के लिये हमें ग्रह का दीर्घ अक्ष, उत्केंद्रता (
3.
इसके विपरीत कक्षा की लघु उत्केंद्रता तथा अक्ष का विपरीत दिशा में विवरण मृदुल जलवायु का प्रेरक है।
4.
वृत्त एक प्रकार का शांकव होता है जिसकी उत्केंद्रता 0 होती है अर्थात नियता समतल में अनंत पर स्थित होती है
5.
[45] उसकी उत्केंद्रता इस प्रकार की है कि तारे कक्षीय एपोसेंटर से जुड़े रहते हैं जिनके कारण तारों की अभिमुखता में वृद्धि होती है.
6.
उदाहरणार्थ जब कक्षा की उत्केंद्रता अधिक तथा अक्ष का झुकाव कम हो और पृथ्वी अपने कक्षामार्ग में सबसे अधिक दूरी पर हो तब उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु में बहुत कम ताप उपलब्ध होगा।