| 1. | इस उत्तलता की चोटी तीसरे काठ पृष्ठवंश (
|
| 2. | खंडों की प्रत्यास्थता के कारण शरीर अपनी उत्तलता (
|
| 3. | उत्तलता बढ़ती है तो लेंस की शक्ति बढ़ जाती है।
|
| 4. | इस उत्तलता की चोटी तीसरे काठ पृष्ठवंश (L3) के स्तर पर है.
|
| 5. | खंडों की प्रत्यास्थता के कारण शरीर अपनी उत्तलता (Convexity) पुन प्राप्त कर लेता है।
|
| 6. | खंडों की प्रत्यास्थता के कारण शरीर अपनी उत्तलता (Convexity) पुन प्राप्त कर लेता है।
|
| 7. | विभिन्न दूरीयों के अनुसार लेंस की मोटाई या उत्तलता में अनुरूप परिवर्तन होने वाली शक्ति को ही अनुकूलन अथवा समायोजन कहते है।
|
| 8. | विभिन्न दूरीयों के अनुसार लेंस की मोटाई या उत्तलता में अनुरूप परिवर्तन होने वाली शक्ति को ही अनुकूलन अथवा समायोजन कहते है।
|
| 9. | विभिन्न दूरियों के अनुसार लेन्स की मोटाई या उत्तलता (convexcity) में अनुरूप बदलाव होने वाली शक्ति को ही अनुकूलन अथवा समायोजन (accomodation) कहते हैं।
|
| 10. | स्वत: समायोजन के कारण लेंस की उत्तलता अधिक या कम हो सकती है एवं दृष्टिपटल पर किरणों के फोकस होने पर स्पष्ट, वास्तविक, छोटा और उल्टा बिंब बनता है।
|