किए गए प्रयोगों द्वारा ज्ञात हुआ है कि सरसों का धुआँ अत्यधिक प्रभावकारी उत्परिवर्तक माध्यम है।
2.
किए गए प्रयोगों द्वारा ज्ञात हुआ है कि सरसों का धुआँ अत्यधिक प्रभावकारी उत्परिवर्तक माध्यम है।
3.
क्रम में होने वाले परिवर्तन हैं और ये विकिरण, विषाणुओं, ट्रांस्पोसोन और उत्परिवर्तक रसायनों तथा साथ ही मीयोसिस (
4.
क्रम में होने वाले परिवर्तन हैं और ये विकिरण, विषाणुओं, ट्रांस्पोसोन और उत्परिवर्तक रसायनों तथा साथ ही मीयोसिस (
5.
दोहरे उत्परिवर्तक में इकहरे उत्परिवर्तक के एडिटिव प्रभाव के द्वारा परिकल्पित लक्षण प्रारूप की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण प्रारूप होते हैं.
6.
दोहरे उत्परिवर्तक में इकहरे उत्परिवर्तक के एडिटिव प्रभाव के द्वारा परिकल्पित लक्षण प्रारूप की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण प्रारूप होते हैं.
7.
उत्परिवर्तन एक कोशिका के जीनोम के डीएनए (DNA) क्रम में होने वाले परिवर्तन हैं और ये विकिरण, विषाणुओं, ट्रांस्पोसोन और उत्परिवर्तक रसायनों तथा साथ ही मीयोसिस (meiosis) या डीएनए (DNA) प्रतिलिपिकरण के दौरान उत्पन्न होने वाली त्रुटियों के कारण होते हैं.