वह योग न उकताए हुए अर्थात धैर्य और उत्साहयुक्त चित्त से निश्चयपूर्वक करना कर्तव्य है॥23॥
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वह योग न उकताए हुए अर्थात धैर्य और उत्साहयुक्त चित्त से निश्चयपूर्वक करना कर्तव्य है॥23॥ सङ्
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बच्चे इंटरनेट के प्रयोग पर उत्साहयुक्त थे एवं उन्होनें इंटरनेट पर वायरस के अपने अनुभवों को साझा किया।
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अर्थ: पुनः शुभ देव: अदित आप होनहार व उत्साहयुक्त होने के साथ एक ईमानदार व्यक्ति हैं।
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1964 मे एक उदयोगी और उत्साहयुक्त विशिष्ट ने बुनियादी ढांचे का हिस्सा बनने का दृष्टि से स्थापना की गयी है ।
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वह योग न उकताए हुए अर्थात धैर्य और उत्साहयुक्त चित्त से निश्चयपूर्वक करना कर्तव्य है॥ 23 ॥ सङ् कल्पप्रभवान्कामांस्त्यक्त्वा सर्वानशेषतः ।
8.
ऐसे उत्साहयुक्त समय में ‘ वार्षिक कालगणना ' का श्रीगणेश करते हुए ‘ नूतन वर्ष ' का स्वागत स्वाभाविक ही प्रतीत होता है।
9.
न उकताएँ, न अधीर हों श्री भगवान् आगे तेईसवें श्लोक में कहते हैं कि ऐसी अवस्था (जिसमें भारी-से दुःख से भी हम विचलित नहीं होते) ही सच्चा योग है और यह योग उसी के द्वारा सध पाता है, जो उकताता नहीं, अधीर नहीं होता तथा सदैव विधेयात्मक चिंतन के साथ, उत्साहयुक्त चित्त के साथ, मनोयोगपूर्वक अपने कार्य में लगा रहता है।