| 1. | ये तो रही ग्रामीण आबादी में उधार-खाता वाली इकानॉमी का मसला..
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| 2. | ये तो रही ग्रामीण आबादी में उधार-खाता वाली इकानॉमी का मसला..
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| 3. | अब कुछ याद नहीं की मैंने कब, कहां, क्यों और किसे अपने नाम पर यह उधार-खाता खोलने दिया।
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| 4. | इसलिए भईया एफडीआई धीरे-धीरे गांवों की ओर कदम-कदम बढ़ा रही है और अगर ऐसा होता है तो उधार-खाता वाली ग्रामीण इकानॉमी के दिन लद जाएंगे।
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| 5. | इसलिए भईया एफडीआई धीरे-धीरे गांवों की ओर कदम-कदम बढ़ा रही है और अगर ऐसा होता है तो उधार-खाता वाली ग्रामीण इकानॉमी के दिन लद जाएंगे।
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